“गीता शाक्य” महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद से ख़ास मुलाक़ात !

सलोनी तिवारी: वीमेन इम्पॉवरमेंट की सीरीज में आज हम आपका परिचय कराते हैं “गीता शाक्य” महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद से


सलोनी तिवारी: आपने अपना राजनैतिक सफर कैसे शुरू किया है?

गीता शाक्य: जब महिला घर से बाहर निकलती है तो तमाम परस्थितियों का सामना करना पड़ता है और ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ये अधिक होता है। मैं ग्रामीण क्षेत्र से हूँ और मेरा कभी  ये उद्देश्य नहीं रहा कि  मैं राजनीति करूँ। मेरा शुरू से उद्देश्य उन लोगों को सहयोग करने का रहा था जिनको सहयोग की आवश्यकता हो और उन्हें कोई सहयोग न कर रहा हो उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधाओं का लाभ दिलाया जा सके। इसी के चलते मैंने इस सफर की शुरुआत की।  

सलोनी तिवारी: आपका बैकग्राउंड राजनैतिक नहीं था फिर आप इसमें कैसे आयीं।  

गीता शाक्य: मैं राजनीती में आना नहीं चाहती थी और गाँव में कोचिंग चलाती थी। उस समय गाँव में ग्राम पंचायत का चुनाव था और गाँव की सीट महिला सीट थी और मैं अपने परिवार में इकलौती पढ़ी लिखी महिला थी  मेरे पति ने मुझे चुनाव लड़ाने  की इच्छा जाहिर की। गाँव के लोगों ने भी इच्छा जाहिर की कि  आप पढ़ी लिखीं हैं तो अच्छा काम करेंगी। मैंने चुनाव लड़ा और चुनाव जीती। 

सलोनी तिवारी:  सब लोग आपको गीता शाक्य के नाम से जानते हैं आपका कोई और नाम भी है ?

गीता शाक्य: मेरा घर का नाम गीता था। मतदाता बनाने के समय वोटर लिस्ट में मेरा नाम गीता शाक्य लिख गया था और चुनाव जीतने के बाद भी लोग मुझे गीता शाक्य के नाम से जानते हैं लेकिन मेरा सार्टिफिकेट में नाम चंद्रप्रभा है जो कि कम ही लोग जानते हैं।  

सलोनी तिवारी:  जब आप महिला प्रधान बनीं तो गाँव की महिलाओं के लिए क्या कार्य किये ?

गीता शाक्य: महिला प्रधान बनने के बाद मैं उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में एक दिन पहुंची और मैंने देखा कि वहां अचार, मुरब्बा, जेम आदि बनाने की ट्रेनिंग महिलाओं को मिल रही थी। तो मैंने वहां  के अधिकारी से पूछा की गाँव की पढ़ी लिखी महिलायें जो यहाँ नहीं आ सकती हैं तो क्या उनको गाँव में प्रशिक्षण की कोई व्यवस्था की जा सकती है उसी क्रम में महिला प्रधान होने के नाते मैंने गाँव में सिलाई, अचार, मुरब्बा, जेम आदि बनाने की ट्रेनिंग शुरू कराई। जो महिलायें या बिटियाँ पढ़ी लिखी थी उनके कंप्यूटर सीखने की भी व्यवस्था गांव में कराई।  

सलोनी तिवारी:  आपने ग्राम पंचायत से राज्य सभा तक का सफर कैसे तय किया?

गीता शाक्य: मैं काम करती रही मेरा उद्देश्य है की जो मुझे काम मिला उसे मैंने पूरा किया। मेरा मानना है की जिसकी नियती साफ़ हो और इरादा नेक हो तो भगवान् भी उनकी सहायता करते हैं। 2011 में मैं भारतीय जनता पार्टी में आयी तो पार्टी ने मेरी कर्मठता को देखते हुए और मेरी किस्मत ने भी साथ दिया उसी का परिणाम आज है की मैं ग्राम पंचायत से लेकर राज्य सभा तक का सफर तय कर पाई।  

सलोनी तिवारी:  आज कानपुर में आपका किस प्रोग्राम में आना हुआ है ?

गीता शाक्य: भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं उसी क्रम में आज कवि एवं पत्रकार सम्मलेन निवेदिता श्रीवास्तव एवं डॉ विजया तिवारी जी द्वारा कार्यक्रम आयोजित हुआ है उसी कार्यक्रम में मैं भी अपनी भूमिका निभाने आयी हूँ ।  

सलोनी तिवारी:  हमारी मैगज़ीन महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करती है आप इसके माध्यम से महिलाओं को क्या सन्देश देंगी ?

गीता शाक्य: मेरा मानना है जिन महिलाओं में हुनर है और जो घर की जिम्मेदारी निभाने के साथ बाहर आकर भी काम कर सकती हैं उनको जरूर आगे आकर काम करना चाहिए।  “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत महिलाओं और बेटियों को आगे बढ़कर अपने को स्वाबलंबी बनाना चाहिए।  

अंशिका मीडिया की टीम “गीता शाक्य” जी को बहुत बहुत धन्यवाद एवं शुभकामनाएं देती है। 

 

 


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