एक ख़ास मुलाकात “डॉक्टर हरमीत कौर भल्ला” जी के साथ !

सलोनी तिवारी: वीमेन इम्पॉवरमेंट की सीरीज में आज हम आपका परिचय कराते हैं “डॉ हरमीत कौर भल्ला” जी से।  आइये जानते हैं इनके बारे में।

डॉ. हरमीत कौर भल्ला जो की स्कूल प्रिंसिपल होने के साथ साथ एक अच्छी राइटर एवं सोशल एक्टिविस्ट भी हैं और आज कल इन्वॉयरमेंटल एक्टिविस्ट की भी भूमिका निभा रही है।

सलोनी तिवारी : अपने करियर के शुरूआती दिनों के बारे में बताइये।  

डॉ हरमीत कौर : मेरा जन्मस्थान झाँसी है और मेरी स्कूलिंग भी झाँसी में हुई। इंटर करने के बाद 2 साल का डिप्लोमा होने के बाद शादी के बाद मैं कानपुर आ गयी। शुरू से ही पढाई की तरफ रुझान रहा और मेरा ड्रीम था की लाइफ में कुछ अचीव करूँ और उसी ड्रीम को मैं अपने ससुराल भी साथ लेकर आयी।

सलोनी तिवारी : आपकी इंस्पिरेशन क्या है ?

डॉ हरमीत कौर : बचपन से ही मेरा इंस्पिरेशन झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई हैं।  बचपन से ही उनकी कहानियां, झाँसी की रानी का किला उनकी वीरता की कहानियां सुनते आये हैं।

बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी 

अगर छोटी सी उम्र में झाँसी की रानी ने देश के लिए बहुत कुछ किया अंग्रेजों के खिलाफ उन्होंने बहुत ही बहादुरी से जो लड़ाई लड़ी। हम सब महिलाओं को भी इनसे कुछ सीखना चाहिए और इसीलिए रानी लक्ष्मीबाई मेरी इंस्पिरेशन  है।

सलोनी तिवारी : टीचिंग आप शादी से पहले से कर रही हैं या कानपुर आने के बाद आपने स्टार्ट किया ?

डॉ हरमीत कौर : शादी के बाद कानपुर आने पर फैमिली का बहुत सपोर्ट मिला। मेरे फादर इन लॉ  स्कूल के चेयर पर्सन होने के साथ साथ सोशल एक्टिविस्ट थे तो उन्होंने मेरे अंदर ये देखा की मुझे पढाई का बहुत शौक है।  मैंने पोस्ट ग्रेजुएट के बाद डॉक्ट्रेट भी की और उसके बाद जॉब स्टार्ट किया।

हमारे यहाँ ऐसी सोच नहीं रही की महिलाओं को जॉब नहीं करना चाहिए और 2002 में महिला डिग्री कॉलेज में लैक्चरार की पोस्ट पर ज्वाइन किया वो ही मेरा फर्स्ट जॉब था टीचिंग के करियर में।

सलोनी तिवारी : स्कूल में बच्चों का आपके साथ कैसा रिलेशन रहता है ?

डॉ हरमीत कौर : स्कूल में मैं बच्चों को बहुत अच्छे संस्कार देने की कोशिश करती हूँ और पेरेंट्स को भी ये मैसेज देना चाहती हूँ की बच्चों को अच्छे संस्कार दें। वो जब भी पहली गलती करें तो उनको अच्छे से समझाएं की वो दुबारा से गलती न करे। स्कूल में सभी बच्चे मुझे बहुत प्यार करते हैं क्यों की उनको पता है कि मैं उनको मारती नहीं हूँ और बच्चों को गलती करने पर समझती हूँ।  मैंने एक बुक भी लिखी है ” रेड पीपर ब्लैक पीपर” यदि बच्चे छोटी गलती करें तो उन्हें काली मिर्च खिलाएं और बड़ी गलती करें तो लाल मिर्च।  इस बुक में बच्चों के लिए 100 पोयम हैं। जो बच्चों के लिए गुड वैल्यूज पर हैं।

सलोनी तिवारी : आप राइटर भी हो तो आपने अभी तक कितनी बुक्स लिखीं हैं ?

डॉ हरमीत कौर : मैंने अभी तक 15 बुक्स लिखीं हैं और मेरी 16 वी बुक अभी जल्दी ही आने वाली है।  अभी तक 1000 Poem लिखीं हैं और एक मानव तस्करी पर एक नावेल भी लिखी है।  ब्रिटिश पीरियड के टाइम महिलाओं पर हुए अत्याचार पर ये नावेल आधारित है। हमारी बुक्स आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

सलोनी तिवारी : वीमेन एंपावरमेंट लिए देश की महिलाओं को आप हमारी मैगज़ीन के माध्यम से  क्या मैसेज देना चाहती है ?

डॉ हरमीत कौर : सभी महिलाओं के लिए मैसेज हैं की पढाई जरूर करें। पढाई के लिए कोई उम्र नहीं है। पढ़े और घर से निकले काम करें। देश को आगे बढ़ने के लिए महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए। गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल होने के नाते मैं सभी स्टूडेंट्स को पढाई पर फोकस करने के लिए रोजाना प्रेरित करती हूँ।

सलोनी तिवारी : आपकी पहली बुक कौन सी थी ?

डॉ हरमीत कौर : मैं वीमेन के लिए ज्यादा लिखती हूँ मेरी पहली बुक है कोहिनूर। इसमें वीमेन के लिए 16 पोयम हैं और हर Poem के लास्ट में मैसेज है की हमे पुरानी परम्पराओं को छोड़ कर आगे बढ़ना है।

सलोनी तिवारी :  और किस किस बारे में आपने लिखा है ?

डॉ हरमीत कौर : मैंने बच्चों के लिए बहुत बुक्स लिखी हैं क्यों की बच्चे आजकल बुक्स से दूर हो रहे हैं।  हमारी कोशिश होनी चाहिए की बच्चों को बुक्स गिफ्ट करें जिससे उनको बुक पढ़ने में इंट्रेस्ट और कुछ समय के लिए बच्चे मोबाइल से दूर रहें।

मैं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद मोदी जी से भी बहुत प्रभावित हूँ उन्होंने स्वच्छता के लिए जो कार्य  किये हैं उससे प्रेरित होकर उनके बर्थडे गिफ्ट के रूप में मैंने एक बुक लिखी है जिसका नाम है “the red blue and green dustbins of munnu” इस बुक में कूड़े को रीसायकल करने के बारे में लिखा है।

मैंने ये बुक प्रधानमंत्री जी को भेजी भी थी और उनके ऑफिस से लेटर भी आया था।  मैं उनसे बहुत प्रभावित हूँ की वो सफाई से जुडी  छोटी छोटी चीजों पर भी ध्यान देते हैं।

सलोनी तिवारी : इस समय आप क्या सोशल एक्टिविटी कर रही हैं ?

डॉ हरमीत कौर : कोविड के टाइम मैंने देखा की ऑक्सीजन की कमी रही थी। मेरा नया कार्यक्रम 6 फरवरी से स्टार्ट हुआ है जो की मेरे फादर इन लॉ की डेथ एनिवर्सरी है और हमने 100 दिन में 10 हजार पेड़ लगाने का संकल्प लिया है।  हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी प्रयास है की उत्तरप्रदेश हरा भरा प्रदेश बने उसी क्रम में हमारा ये योगदान है की हम 10 हजार पेड़ लगा सकें।

सलोनी तिवारी :  अंशिका मीडिया की टीम आपको आपके द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्यों के लिए शुभकामनाएं देती है 

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