“रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA)- “पढ़ाई से लेकर मेट्रो तक का सफर”

अंशिका मीडिया की “सब एडिटर” सलोनी तिवारी महिला सशक्तीकरण की एक ख़ास स्टोरी आप के सामने ले कर आयी हैं जो की महिलाओं के करियर और उनके सेल्फ इंडिपेंडेंट होने को लेकर एक प्रेरणा का रूप हो सकती है।  इस कड़ी में आपका परिचय कराते हैं  “रिधि मिश्रा” से !रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA) कानपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में स्टेशन कंट्रोलर कम ट्रेन ऑपरेटर के रूप में अहम् भूमिका निभाती हैं।

आइये जानते हैं “रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA) के बारे में कुछ ख़ास बातें।

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) :  आप अपने बारे में संछिप्त परिचय दें।  

“रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA) : मैं गोरखपुर की रहने वाली हूँ और वहीँ से अपनी पूरी एजुकेशन कम्पलीट की है।  मैंने गोरखपुर के मदनमोहन मालवीय इंस्टिट्यूट से बी-टेक किया है। मेट्रो में मेरी पहली जॉब है।  परिवार में माँ, पिता जी के अलावा 1 भाई एवं 1 बहन हैं। सभी लोग गोरखपुर में ही रहते हैं।

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) :  मेट्रो ट्रेन चलाने (इस करियर) को क्यों चुना ?

“रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA) : मुझे ऐसा लगता था कि ये जॉब बाकी अन्य जॉब से अलग है।  इस जॉब में एक एडवेंचर और जिम्मेदारी का अलग अहसास होता है जो की अन्य जॉब से इसको अलग बनाता है एक बार मैंने इंडियन रेलवे की पहली महिला लोको पायलट का इंटरव्यू पढ़ा था तो मन में आया की ऐसा ही कुछ जॉब सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है।  जब कभी फ्लाइट के पायलट, ट्रेन के लोको पायलट को देखती थी तो लगता था की ऐसा कुछ ख़ास करियर में मैं भी अचीव कर सकूँ। यही वजह रही की कुछ अलग करने का मन में था और मेट्रो ट्रेन को आपरेट करने का विकल्प बेहतर था।

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) : जब पहली बार मेट्रो ट्रेन चलाई तो कैसा अनुभव रहा एवं उससे जुड़ी कोई यादगार बात ?

“रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA) : मेट्रो में मेरी पहली जॉब है।सबसे पहले जब ट्रेनिंग के दौरान मुझे मेट्रो ट्रेन चलाना था तो मेरे सीनियर स्टाफ जिनके सुपरविज़न में मुझे ट्रेन ऑपरेट करना था उन्होंने बताया कि कैसे ट्रेन को ऑपरेट करना है और कैसे मोटरिंग करनी है उसके बाद जैसे ही फर्स्ट टाइम मैंने ट्रेन को स्टार्ट किया और मोटरिंग किया उस वक़्त की ख़ुशी शब्दों से बताई नहीं जा सकती है।  एक ऐसा एडवेंचर और खुशी का माहौल था जो मैं कभी भूल नहीं सकती हूँ।

ट्रेनिंग के बाद जब फाइनल मेट्रो चलाने का समय आया और फर्स्ट टाइम मेट्रो को लेकर जाना था तो मन में ख़ुशी और दिमाग में ज़िम्मेदारी का अहसास था  क्यों की मेरे अलावा मुझे उन सबकी जिम्मेदारी का अहसास था जो उस वक़्त मेरे साथ मेट्रो ट्रेन में यात्रा कर रहे थे।  इसके साथ ही जब मेट्रो चली तो मन में ये था की आज बहुत कुछ अचीव कर लिया लाइफ में। उस खुशी के लिए भगवान् और अपने पेरेंट्स को क्रेडिट दिया की उनकी वजह से ही आज ये न भुलाने वाला लम्हा जीवन में आया।  फाइनली उस दिन जब मेट्रो की पूरी जर्नी कम्प्लीट की और जब मेट्रो ट्रेन के केबिन से बाहर आयी और उन लोगों के चेहरों पर ख़ुशी देखी जो लोग मेरे साथ यात्रा कर रहे थे और अपने डेस्टिनेशन पर पहुँच चुके थे वो पल बहुत ही सुखद था की अपने लाइफ में जिम्मेदारी से पूर्ण यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया। लोग इस बात से भी बहुत खुश थे की उनकी ट्रेन एक महिला चला रही थी और वो मेरे लिए बहुत गर्व की बात थी।

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) : मेट्रो चलाने के दौरान का कोई किस्सा ?

“रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA) : हाँ, एक बार मैं अपनी ट्रेन जर्नी कम्पलीट कर केबिन से बाहर आ रही थी तो एक बच्चा अपने पेरेंट्स के साथ मेरी तरफ आया उसकी उत्सुकता थी की वो देखे की मैं कैसे ट्रेन चलाती हूँ। वो सिर्फ देखना चाहता था और मैं उस एडवेंचर को रोज फील करती हूँ ये मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। मुझे ऐसा लगता है की मैं किसी की प्रेरणा श्रोत भी बन सकती हूँ क्यों की जो लड़कियां मुझे ट्रेन चलाते हुए देखती हैं उनमे से कुछ को लगता होगा की वो भी ऐसा कुछ अलग लाइफ में कर सकती हैं। मेरे दोस्त जब मुझे बोलते हैं की उन्होंने 2 व्हीलर  या 4 व्हीलर वाहन चलाना सीख लिया तो मेरा रिप्लाई होता है की एक बार मेरी गाड़ी के व्हील्स गिन लेना।

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) : महिलाओं / लड़कियों को क्या मैसेज देना चाहेंगी ?

“रिधि मिश्रा” (RIDHI MISHRA) : मैं सभी को एक ही बात बोलूंगी लाइफ में आपको अपने करियर पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। अपनी लाइफ में इंडिपेंडेंट होना बहुत जरूरी है।  लाइफ में समय समय पर कई बार उतार चढ़ाव भी आते हैं।  अगर हम सेल्फ डिपेंडेंट होते हैं और अपने करियर में सफल होते हैं तो सभी प्रॉब्लमस को फेस करने की हिम्मत भी रखते हैं।  इस लिए जरूरी है की अपने करियर पर फोकस करना चाहिए।

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) : लाइफ के अचीवमेंट का क्रेडिट किसको देती हैं ?

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) :  मैं अपने लाइफ के अचीवमेंट का क्रेडिट अपने माँ एवं अपने पापा जी को देती हूँ जिन्होंने हमेशा मेरे लिए वो सब किया जो मेरे करियर में मेरे लिए जरूरी था और आज उनके ही सपोर्ट से मैं आज सब कुछ अचीव कर पाई हूँ।  मेट्रो चलाने में ट्रेनिंग के दौरान सीनियर स्टाफ ने भी पूरा सपोर्ट किया जिससे सब कुछ सही से हो सका।

सलोनी तिवारी (Saloni Tiwari) : थैंक्स रिधि आप महिलाओं के लिए एक प्रेरणाश्रोत हैं और अंशिका मीडिया आपको आपकी सफलता के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं देता है।  

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