कानपुर डीएम-सीएमओ विवाद में गरमाई सियासत, सीएमओ के पक्ष में कई भाजपा नेता उतरे, डीएम को भी मिला एक विधायक का समर्थन

नवदीप चतुर्वेदी: कानपुर में जिलाधिकारी (डीएम) जितेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच चल रहे विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्रों के अनुसार  विवाद में अब भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं की एंट्री हो चुकी है, जिन्होंने खुलकर सीएमओ के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया है, जबकि एक विधायक ने डीएम के पक्ष में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रविवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी की कार्यकुशलता, मृदुभाषिता और जनसेवा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने सीएमओ को कानपुर नगर में ही बनाए रखने की मांग करते हुए आम जनता और जनप्रतिनिधियों की भावनाओं का भी हवाला दिया।

इसके बाद सोमवार को भाजपा एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने भी उपमुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सीएमओ के समर्थन में अपनी बात रखी। अरुण पाठक ने अपने पत्र में लिखा कि सीएमओ का व्यवहार जनप्रतिनिधियों और आम जनता के प्रति सकारात्मक और सहयोगी रहा है। वहीं विधायक सुरेंद्र मैथानी ने सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का श्रेय सीएमओ को देते हुए उनके ट्रांसफर को रोकने की मांग की।

गोविंद नगर से भाजपा विधायक ने भी सीएमओ के पक्ष में समर्थन जताते हुए पत्र लिखा है और कहा है कि डॉ. नेमी की नेतृत्व क्षमता ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों में सुधार लाया है।

दूसरी ओर, भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह का समर्थन किया है। उन्होंने सीएमओ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर डीएम के खिलाफ एक ऑडियो वायरल किया और अधिकारियों के बीच टकराव की स्थिति पैदा की। उन्होंने सीएमओ का तत्काल ट्रांसफर करने की मांग की है।

बता दें कि डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने शासन को भेजी गई रिपोर्ट में सीएमओ की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने दो बार सीएमओ कार्यालय का निरीक्षण किया था, जिसमें कई अनियमितताएं पाई गई थीं। एक हालिया बैठक में डीएम ने डॉ. नेमी को बैठक से बाहर निकाल दिया था, जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया।

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