सलोनी तिवारी: भारत के पारंपरिक मौसम विज्ञान में नौतपा का विशेष महत्व है। यह वह समय होता है जब सूर्य देवता रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और धरती पर भीषण गर्मी का प्रभाव शुरू होता है। ‘नौ’ का अर्थ है नौ दिन और ‘तप’ का मतलब है गर्मी। यानी नौ दिनों तक चलने वाली प्रचंड गर्मी को ही नौतपा कहा जाता है।
2025 में नौतपा कब से कब तक?
इस वर्ष नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून 2025 तक चलेगा। यह समय गर्मी के चरम को दर्शाता है।
क्यों होती है नौतपा में इतनी गर्मी?
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जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो उसकी किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं।
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इस कारण से तापमान तेजी से बढ़ता है और लू चलने की संभावना भी रहती है।
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समुद्र और पृथ्वी की सतह अधिक गर्म होती है, जो बाद में मानसून को ऊर्जा देती है।
क्या नौतपा का संबंध मानसून से है?
हां, नौतपा जितना अधिक गर्म होता है, माना जाता है कि मानसून उतना ही अच्छा और संतुलित होता है।
कई परंपरागत किसान और ग्रामीण मौसम वैज्ञानिक इसी आधार पर बारिश का पूर्वानुमान लगाते हैं।
इस दौरान क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
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धूप में निकलते समय छाता या टोपी का प्रयोग करें।
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खूब पानी पिएं, लू से बचने के लिए प्याज और शर्बत का सेवन करें।
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दोपहर में धूप में काम करने से बचें।
निष्कर्ष:
नौतपा न केवल मौसम का बदलता रूप दर्शाता है, बल्कि यह हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने का संदेश भी देता है। यह समय आने वाले मानसून की तैयारी का संकेत है – प्रकृति तपती है, ताकि जीवन में वर्षा की ठंडक और खुशहाली आ सके।













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