उज्जैन के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष होली और रंगपंचमी के दौरान भक्तों के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। 13 मार्च को परंपरागत होलिका दहन और 14 मार्च को धुलेंडी उत्सव मनाया जाएगा, लेकिन मंदिर परिसर में रंग और गुलाल लाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
पिछली घटना से लिया सबक
महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, भक्तों, पुजारियों, कर्मचारियों और पंडे-पुजारियों को भी रंग-गुलाल लेकर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। केवल संध्या आरती के दौरान मंदिर समिति द्वारा सीमित मात्रा में हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा।
यह निर्णय पिछले वर्ष हुई दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। धुलेंडी के दिन भस्म आरती के दौरान लगी आग में 14 लोग झुलस गए थे और 80 वर्षीय पुजारी सत्यनारायण सोनी का दुखद निधन हो गया था। इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह कड़ा निर्णय लिया है।
भक्तों से अपील
मंदिर समिति ने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे नियमों का पालन करें और मंदिर की पवित्रता बनाए रखें। सुरक्षा उपायों के तहत CCTV निगरानी भी बढ़ाई गई है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
इस वर्ष, महाकाल मंदिर में होली का उल्लास परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में मनाया जाएगा।