सलोनी तिवारी: कानपुर: मेट्रो निर्माण कार्य तेजी से चलने के कारण शहर में धूल और वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। खासकर जिन इलाकों में खुदाई और निर्माण कार्य हो रहा है, वहां धूल का स्तर ज्यादा बढ़ गया है, जिससे सांस के मरीजों और अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करने वालों को परेशानी हो सकती है।
विशेषज्ञों की हिदायत:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
सावधानी और बचाव के उपाय:
मास्क का करें उपयोग – बाहर निकलते समय N95 या सामान्य मास्क पहनें ताकि धूल के कण अंदर न जाएं।
घर के दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें – निर्माण स्थल के पास रहने वाले लोग अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि धूल अंदर न आए।
भाप लें और हाइड्रेटेड रहें – सांस लेने में दिक्कत हो तो दिन में 1-2 बार भाप लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
घर से बाहर जाते समय चश्मा पहनें – आंखों में जलन से बचने के लिए गॉगल्स या चश्मे का इस्तेमाल करें।
डॉक्टर से नियमित संपर्क में रहें – यदि किसी को सांस लेने में ज्यादा कठिनाई हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
नगर निगम की भूमिका:
नगर निगम ने भी इस समस्या को देखते हुए सड़कों पर पानी का छिड़काव करने और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, मेट्रो निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए।
निष्कर्ष:
मेट्रो निर्माण शहर के विकास के लिए जरूरी है, लेकिन इससे बढ़ते धूल प्रदूषण को लेकर नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उचित सावधानियां बरतकर और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह मानकर हम इस समस्या से बच सकते हैं।