सलोनी तिवारी: वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के अवसर पर अंशिका मीडिया की एडिटर सलोनी तिवारी ने उर्सला हॉस्पिटल, कानपुर के वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर डॉ. सपन गुप्ता से खास बातचीत की। इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने ब्लड डोनेशन (रक्तदान) से जुड़ी तमाम भ्रांतियों और डर पर खुलकर चर्चा की और समाज को एक स्पष्ट और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जागरूक करने का प्रयास किया।
डॉ. सपन गुप्ता ने बताया कि
“रक्तदान एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है। इससे न तो शरीर कमजोर होता है और न ही किसी प्रकार की बीमारी होती है। बल्कि नियमित रक्तदान करने से शरीर में नई ऊर्जा और संतुलन बना रहता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से लोग यह सोचकर रक्तदान नहीं करते कि इससे उनकी सेहत पर असर पड़ेगा, जबकि सच तो यह है कि एक स्वस्थ व्यक्ति साल में 3 से 4 बार रक्तदान कर सकता है।
इस इंटरव्यू में डॉ. गुप्ता ने निम्न भ्रांतियों पर भी चर्चा की:
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क्या महिलाएं रक्तदान कर सकती हैं?
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क्या डायबिटीज़ या हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं?
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कौन व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता है ?
अंत में उन्होंने लोगों से अपील की कि:
“यदि आप स्वस्थ हैं, तो रक्तदान ज़रूर करें। रक्तदान – महादान”
इस प्रेरणादायक और तथ्यात्मक बातचीत को देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करें और खुद भी रक्तदाता बनने की प्रेरणा पाएं।
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