सलोनी तिवारी: गंगा दशहरा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व इस वर्ष 5 जून 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा, क्योंकि दशमी तिथि 4 जून की रात 11:54 बजे से शुरू होकर 5 जून को उदया तिथि तक रहेगी।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन हस्त नक्षत्र में मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। राजा भगीरथ की तपस्या के फलस्वरूप मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं और उन्होंने उनके पूर्वजों का उद्धार किया। इसी कारण उन्हें भागीरथी भी कहा जाता है।
इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, और गंगा पूजन का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि मां गंगा में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस वर्ष के खास योग:
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सिद्धि योग: सुबह 9:14 बजे से
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रवि योग और हस्त नक्षत्र
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तैतिल करण: दोपहर 1:02 बजे तक
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गर करण योग: दोपहर 2:15 बजे तक
गंगा दशहरा पूजन विधि:
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प्रातः काल उठकर गंगा नदी में स्नान करें।
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यदि गंगा नदी संभव न हो, तो नहाने के जल में गंगाजल मिलाएं।
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स्नान के बाद देवी-देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें।
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मां गंगा का ध्यान कर गंगा आरती करें और भोग अर्पित करें।
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गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Anshika Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)












