सलोनी तिवारी: लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में आयुष विभाग के कार्यों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयुष न केवल भारत की प्राचीन चिकित्सकीय परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को भी परिभाषित करता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश को आयुष के क्षेत्र में राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में लाने के लिए सभी प्रयासों को एकजुट, योजनाबद्ध और समयबद्ध रूप से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आयुष सेवाओं की पहुंच को गांव-गांव तक सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान में प्रदेश में 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक चिकित्सा संस्थान संचालित हो रहे हैं, जो जनसामान्य को आयुष चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इन संस्थानों की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर मॉनिटरिंग और संसाधनों की आवश्यकता के अनुसार समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार, रिसर्च व गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाए, ताकि आयुष प्रणाली को आमजन की पहली पसंद बनाया जा सके।












