स्कूलों में अग्नि सुरक्षा: बच्चों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य उपाय

सलोनी तिवारी : स्कूल केवल शिक्षा का केंद्र नहीं होता, बल्कि यह बच्चों के सुरक्षित और संरक्षित वातावरण का स्थान भी होता है। आगजनी की घटनाएँ यदि स्कूल परिसर में घटित हो जाएँ, तो भारी जान-माल की हानि हो सकती है। इसीलिए, स्कूलों में अग्नि सुरक्षा के सख्त उपाय करना बेहद ज़रूरी है।


🔥 स्कूलों में अग्नि सुरक्षा क्यों आवश्यक है?

  • स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चे और स्टाफ होते हैं।

  • बच्चे संकट के समय घबराते हैं और सही निर्णय नहीं ले पाते।

  • कई स्कूल भवन पुराने और अग्नि सुरक्षा मानकों से रहित होते हैं।

  • शॉर्ट सर्किट, लैब में रसायन, रसोईघर आदि से आग लगने की संभावना होती है।


🏫 स्कूलों में अग्नि सुरक्षा के आवश्यक उपाय

  1. फायर एनओसी (No Objection Certificate) प्राप्त करना
    स्कूलों को स्थानीय अग्निशमन विभाग से नियमित फायर एनओसी लेना अनिवार्य है।

  2. फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर
    सभी कमरों और गलियारों में अलार्म सिस्टम और स्मोक डिटेक्टर लगाए जाएं ताकि आग लगते ही चेतावनी मिल सके।

  3. फायर एक्सटिंग्विशर की व्यवस्था
    स्कूल के प्रत्येक फ्लोर और प्रमुख क्षेत्रों (किचन, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब) में उपयुक्त प्रकार के फायर एक्सटिंग्विशर लगाए जाएं। स्टाफ को इन्हें चलाना भी आना चाहिए।

  4. आपातकालीन निकासी योजना (Emergency Exit Plan)
    हर क्लासरूम और कॉरिडोर में निकासी का नक्शा और दिशासूचक चिन्ह (Exit Signs) लगाए जाएं। सीढ़ियाँ और दरवाज़े हमेशा खुले रहने चाहिए।

  5. फायर ड्रिल और प्रशिक्षण
    स्कूलों में हर तीन महीने में कम से कम एक बार फायर ड्रिल करानी चाहिए। बच्चों और स्टाफ को सिखाया जाए कि आग लगने पर कैसे शांत रहें, अलार्म बजने पर क्या करें, और सुरक्षित रूप से कैसे बाहर निकलें।

  6. बिजली की नियमित जांच
    वायरिंग, सॉकेट्स, और अन्य बिजली से संबंधित उपकरणों की समय-समय पर विशेषज्ञों से जांच करानी चाहिए।

  7. साइंस लैब और किचन की सुरक्षा
    इन जगहों पर रसायनों और गैस सिलेंडरों से आग लगने का खतरा अधिक होता है। वहां विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए।

  8. प्रथम चिकित्सा और आपातकालीन संपर्क सूची
    स्कूल में प्राथमिक उपचार (First Aid) की व्यवस्था होनी चाहिए और फायर ब्रिगेड, अस्पताल, पुलिस आदि की टेलीफोन सूची हर कक्षा और स्टाफ रूम में उपलब्ध होनी चाहिए।

निष्कर्ष

अग्नि सुरक्षा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि हर स्कूल की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है। एक छोटी सी चूक बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। स्कूल प्रबंधन, शिक्षक, कर्मचारी और बच्चों — सभी को मिलकर अग्नि सुरक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए, तभी एक सुरक्षित और जागरूक शैक्षिक वातावरण बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *