सलोनी तिवारी: गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे देश में 7 मई को युद्ध जैसी स्थिति को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस कवायद का मकसद आम नागरिकों को आपातकालीन हालात में सुरक्षा उपायों की जानकारी देना है। यूपी के 17 जिलों को इस मॉक ड्रिल के लिए चिन्हित किया गया है, जिन्हें संवेदनशीलता के आधार पर तीन श्रेणियों—कैटेगरी ए, बी और सी—में बांटा गया है।
बुलंदशहर (नरोरा) को कैटेगरी ए में रखा गया है, जबकि बागपत और मुजफ्फरनगर को कैटेगरी सी में शामिल किया गया है। वहीं, आगरा, प्रयागराज (इलाहाबाद), बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बख्शी का तालाब, मुगलसराय और सरवासा जैसे 14 जिले कैटेगरी बी में हैं।
इन जगहों को इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां भारतीय सेना, वायुसेना या अन्य सुरक्षा बलों का मूवमेंट होता है, जिससे ये क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। मॉक ड्रिल के दौरान सिविल प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और आपदा प्रबंधन टीमें मिलकर अभ्यास करेंगी।
ड्रिल के दौरान जैसे ही सायरन बजेंगे, लोगों को तुरंत सतर्क होकर सुरक्षित स्थानों—जैसे बंकर या मजबूत कमरों—में जाना होगा। खुले स्थानों से दूरी बनाए रखना आवश्यक होगा। इस अभ्यास में ‘ब्लैकआउट’ रणनीति भी अपनाई जाएगी, जिसके तहत घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों की सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी ताकि दुश्मन की निगाहों से बचा जा सके।
गृह मंत्रालय का यह कदम पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए उठाया गया है। मोदी सरकार आतंकियों को करारा जवाब देने की रणनीति पर काम कर रही है और यह मॉक ड्रिल उसी दिशा में एक अहम प्रयास है।
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